हे प्रिय

हे प्रिय
ईश्वर की प्राप्ति के लिए प्रेम जरूरी है
परंतु जीवन सुखद बनाने के लिए सच्चा मित्र
जिस मनुष्य के पास दोनो नही है तो उसका जीवन मृत्यु के समान है
✍️कृष्णकांत गुर्जर
हे प्रिय
ईश्वर की प्राप्ति के लिए प्रेम जरूरी है
परंतु जीवन सुखद बनाने के लिए सच्चा मित्र
जिस मनुष्य के पास दोनो नही है तो उसका जीवन मृत्यु के समान है
✍️कृष्णकांत गुर्जर