Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2025 · 1 min read

[माँ-बाप]

ज़माने में जिस प्यार के लिए हम जीते हैंI
सबसे ज्यादा प्यार उन्हीं के पास होता हैII

तुम्हें देने के लिए उनके पास कुछ हो ना होI
लेकिन उनका होना ही तुम्हारे लिए सब कुछ हैII

उनसे बहुत ना सही पर थोड़ी बात हंसकर रोज किया करोI
राह तकते हैं तुम्हारी अपने घर जाने की बात उन्हें बताया करोII

ज़िन्दगी के कितने हसीन पल गंवाए होंगे तुम्हारे खातिरI
तुम भी कुछ पल समर्पित करो उनके खातिरII

अब घर के दरवाजे नहीं बंद करते इस आस मेंI
ना जाने तुम कब पहुंच जाओ उनके पास मेंII

सफर आख़िरी है उनकी मंजिल सेI
अब नाराज़ ना हुआ करो अपने माँ-बाप सेII
शिव प्रताप लोधी

Language: Hindi
1 Like · 41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all

You may also like these posts

कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
സങ്കടപ്പുഴയിൽ.
Heera S
क्या हो गया?
क्या हो गया?
Rambali Mishra
हे गर्भवती !
हे गर्भवती !
Akash Yadav
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
Phool gufran
କେବଳ ଗୋଟିଏ
କେବଳ ଗୋଟିଏ
Otteri Selvakumar
"मैं और मेरी मौत"
Pushpraj Anant
..
..
*प्रणय प्रभात*
हार से डरता क्यों हैं।
हार से डरता क्यों हैं।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
3010.*पूर्णिका*
3010.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
Keshav kishor Kumar
सुनीता विलियम्स जी के धरती आगमन पर
सुनीता विलियम्स जी के धरती आगमन पर
Raj kumar
खत्म हुआ है दिन का  फेरा
खत्म हुआ है दिन का फेरा
Dr Archana Gupta
अगर आपको अपने आप पर दृढ़ विश्वास है कि इस कठिन कार्य को आप क
अगर आपको अपने आप पर दृढ़ विश्वास है कि इस कठिन कार्य को आप क
Paras Nath Jha
मन की ताकत
मन की ताकत
पूर्वार्थ
आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कैसे तुमने यह सोच लिया
कैसे तुमने यह सोच लिया
gurudeenverma198
ख़्वाबों के रेशमी धागों से   .......
ख़्वाबों के रेशमी धागों से .......
sushil sarna
शीर्षक - दीपावली
शीर्षक - दीपावली
Neeraj Kumar Agarwal
दिल का गुस्सा
दिल का गुस्सा
Madhu Shah
ये धुंध भी
ये धुंध भी
पूर्वार्थ देव
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
Rekha khichi
अजूबा (बाल कविता)
अजूबा (बाल कविता)
Ravi Prakash
यदि आपका आज
यदि आपका आज
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
" हल "
Dr. Kishan tandon kranti
वार
वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
किताब ए दिल
किताब ए दिल
हिमांशु Kulshrestha
राम राम
राम राम
Sonit Parjapati
संक्रांति
संक्रांति
sushil sharma
Loading...