*हमारी जिम्मेदारी*
जिम्मेदारी से क्षमता बढ़ती है, जिम्मेदारी से काम पूरा होता है, जिम्मेदारी जितनी बढ़ेगी अनुभव भी उतना ही बढ़ेगा। जिम्मेदारी से लोगों को भागना नहीं चाहिए वरन जिम्मेदारी ली जानी चाहिए। दी हुई जिम्मेदारी तो पूरा करना ही पड़ता है चाहे मन लगाकर करें या फिर अनमने ढंग से। उनका परिणाम भी वैसे ही मिलता है। जिम्मेदारी यदि खुद से ली जाये तो पूरा मन लगाकर काम करते हैै। काम पूरा मन लगाकर किया गया है तो उसका परिणाम भी मज़ेदार होता हे। काम चाहे छोटा हो बड़ा हमें जिम्मेदारी लेनी चाहिए और पूरे उत्साह के साथ मन लगाकर उसे पूरा करना चाहिए। यही बात परिणाम के लिए भी होना चाहिए, जो आप कार्य करते है उनका परिणाम चाहे अच्छा हो या बुरा उनकी जिम्मेदारी लेनी ही चाहिए। कई दफ़ा ऐसा होता है कि लोग अच्छे परिणाम का श्रेय खुद ले लेते है । पर परिणाम जब बुरा होता है तो वह पूरा दोष दूसरों पर डाल देता है। यह उचित नहीं है। आपने देखा ही होगा जब बच्चे खेल रहे होते है और अच्छा अच्छा खेल चल रहा होता है तब कप्तान या मुखिया उसका श्रेय खुद ले लेता है । और जब हार हो जाती है। तब उसका दोष दूसरे खिलाड़ी को देता है। कार्यालयों , संस्थाओं , समितियों में भी यही देखने को मिलता है। जब बेहतर परिणाम दिखता है तो बाॅस या संस्था प्रमुख ,उच्च अधिकारी उनका श्रेय खुद ले लेता है । और यदि परिणाम बिगड़ जाए तो अपने अधिनस्थ कर्मचारियों, मातहतों को डांटने लगता है। राजनीतिक पार्टियों में भी यही हाल देखने ,सुनने को मिलता है। जब परिणाम अपने पक्ष में हो तो मुखिया नेता खुद की बड़ाई में लग जाता है वह अपनी प्रशंसा करने से नहीं चूकता। पर जब परिणाम विपक्ष में चला जाता है। तो वह अपने निचले कार्यकर्ताओं और दूसरे कार्यकर्ताओं या फिर अधिकारियों की गलती बताता है। लोगों को अपनी जिम्मेदारी स्वीकारनी चाहिए।
यही बात सामाजिक कर्तव्यों के प्रति भी होनी चाहिए , शिक्षा, स्वास्थ्य, जागरूकता सभी क्षेत्रों में लोगों को अपनी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए, खुद से खुद के लिए जिम्मेदारी तय करनी चाहिए। कि वे अपनी जिम्मेदारी कितना बेहतर निभा सकते हैं। और कितना बेहतर परिणाम ला सकते हैं । लोगों को घर,परिवार, समाज , गांव , नगर , राष्ट्र अपने कर्मक्षेत्र में जिम्मेदार होना चाहिए। आज सभी क्षेत्रों में जिम्मेदार लोगों की आवश्यकता है। जिम्मेदार लोगों की वजह से ही तो कोई संस्थान बेहतर मुकाम हासिल करते हैं। जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभाने से क्षमता व अनुभव बढ़ते है, प्रशंसा व मान सम्मान मिलता हैं, उन्नति, प्रगति व विकास होता है।
अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभाने से न सिर्फ जिम्मेदार व्यक्ति की प्रगति होती है बल्कि संपूर्ण संस्था, समिति, समाज, राष्ट्र की प्रगति होती है।
गैर जिम्मेदारी से परिणाम बिगड़ते है और शिकायत और आलोचना ही बढ़ती है। गैर जिम्मेदार लोग बिगड़ते परिणाम का कारण बनते है, और किसी भी क्षेत्र की प्रगति , विकास में बाधक होते है।
बतौर नागरिक हमें सामाजिक सरोकारों के प्रति हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेनी चाहिए , बेहतर समाज के निर्माण में हम अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाएं । किसी भी घर ,परिवार, समाज , गांव, राष्ट्र की हानि जितनी चोर,उचक्कों,बेईमानों से नहीं होता है उतनी हानि तो जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी न निभाने से, या फिर जिम्मेदार लोगों की निष्क्रियता या निकम्मेपन से होती है। सोंचकर देखिए कि यदि कोई सफाई के लिए जिम्मेदार कर्मचारी अपने कर्म के प्रति जिम्मेदार न रहे तो चाहे कोई गंदगी फैलाये या न फैलाये गंदगी तो स्वतः ही फैल जाएगी।
आप इस बात को सोंचकर देखिए की यदि आप किसान है और फसल उगाएं है, जब तक आप सक्रियता से अपनी जिम्मेदारी निभाते है और उनका देखरेख करते है तो आप भरपूर अनाज पाते हैं। लेकिन इसके विपरीत यदि आप अपने फसल की देखरेख नहीं करते हैं तो भले ही कोई उस फसल को बर्बाद करे या न करें लेकिन स्वतः ही उस फसल में कीड़े लग जाएंगे। खरपतावार उग जाएंगे और आपका फसल बर्बाद हो जाएगा। इसलिए अपनी जिम्मेदारी आपको निभानी होगी। तभी आप बेहतर और गुणवत्तापूर्ण फसल प्राप्त कर पायेंगे।
अपनी जिम्मेदारी समझे, अपनी जिम्मेदारी निभाएं….
लिखेश्वर साहू
9669874209