मित्र को पत्र / (अमित तिवारी)

मित्र को पत्र / (अमित तिवारी)
बहुत उन्माद का समय है मेरे दोस्त
कुछ किताबें पढ़ना
और ईश्वर को याद करना
वैसे नहीं जैसे सरकारें और उनके हरकारे कर रहे हैं
मुहल्ले के दादा की तरह नहीं एक मित्र की तरह
कुछ सिनेमा देखना और संगीत सुनना
डरना बहुत-बहुत लेकिन ज़ाहिर कम करना
सीखना उस दिसंबर बच गए लोगों से
और इस जनवरी वैसे ही बचे रहना
खूब अश्लील चुटकुले सोचना
और मुझे सुनाना
तुम फरवरी में मुझसे मिलना।