Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2025 · 1 min read

किसी भी “अनहोनी” के लिए

किसी भी “अनहोनी” के लिए
“धर्म की दौड़” नहीं
“पाखंड की होड़”
उत्तरदायी होती है।
जिसे दुर्भाग्यपूर्ण ही
कहा जा सकता है।

1 Like · 68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Dr.Priya Soni Khare
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
अब भी वही तेरा इंतजार करते है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
"उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिदगी का सार
जिदगी का सार
sheema anmol
मुझको दिया गुलाब
मुझको दिया गुलाब
RAMESH SHARMA
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इंसान
इंसान
Ram Krishan Rastogi
"संयम"
Dr. Kishan tandon kranti
थोड़ी मैं, थोड़ा तुम, और थोड़ी सी मोहब्बत
थोड़ी मैं, थोड़ा तुम, और थोड़ी सी मोहब्बत
Ranjeet kumar patre
नव रश्मियों में
नव रश्मियों में
surenderpal vaidya
पुष्प अभिलाषी है ...
पुष्प अभिलाषी है ...
sushil sarna
अहोभाग्य
अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मतदान दिवस
मतदान दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
ख़ैरियत पूछने से, बदलता कुछ भी नहीं पर दिल को तसल्ली हो जाती
ख़ैरियत पूछने से, बदलता कुछ भी नहीं पर दिल को तसल्ली हो जाती
ललकार भारद्वाज
💖नव वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं🌹एक संदेश🥰
💖नव वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं🌹एक संदेश🥰
Neelofar Khan
The Tranquil Embrace Of The Night.
The Tranquil Embrace Of The Night.
Manisha Manjari
"It’s dark because you are trying too hard. Lightly child, l
पूर्वार्थ
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
ओसमणी साहू 'ओश'
खामोशी से खामोश रहने का हुनर
खामोशी से खामोश रहने का हुनर
ARVIND KUMAR GIRI
ए जिंदगी तेरी किताब का कोई भी पन्ना समझ नहीं आता
ए जिंदगी तेरी किताब का कोई भी पन्ना समझ नहीं आता
Jyoti Roshni
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
😢
😢
*प्रणय प्रभात*
परछाई
परछाई
Dr Mukesh 'Aseemit'
खिले फूलों में तुम्हें ,
खिले फूलों में तुम्हें ,
रुपेश कुमार
शिकस्तहाल, परेशान, गमज़दा हूँ मैं,
शिकस्तहाल, परेशान, गमज़दा हूँ मैं,
Shweta Soni
*पूर्णिका*
*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बांग्ला देश VS पश्चिम बंगाल
बांग्ला देश VS पश्चिम बंगाल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
शून्य है यदि पुरूषार्थ का फल।
शून्य है यदि पुरूषार्थ का फल।
Acharya Shilak Ram
Loading...