Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2025 · 1 min read

*जो जलता है जलने दीजिए*

जो जलता है जलने दीजिए
***********************

जो जलता हैं जलने दीजिए,
पर हद में न गुजरने दीजिए|

दर पर आए जो कोई गुहारी,
दिल उसका न दुखने दीजिए|

जो कुछ सी हो मिल बांटिए,
तनिक भूखा न मरने दीजिए|

मन में जो भी है झट परखिए,
दो दूनी चार न करने दीजिए|

मुट्ठियां भर-भर बांटों खैरात,
हाथों को न मसलने दीजिए|

पलभर भी न रोको मनसीरत,
खुल कर उन्हें टहलने दीजिए|
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

76 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेरे लिए
मेरे लिए
Shweta Soni
अनकहा दर्द (कविता)
अनकहा दर्द (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
Ravikesh Jha
जब जिन्दगी की राहो में
जब जिन्दगी की राहो में
कार्तिक नितिन शर्मा
🙅संक्षिप्त समीक्षा🙅
🙅संक्षिप्त समीक्षा🙅
*प्रणय प्रभात*
खुशियों के पँख
खुशियों के पँख
Sudhir srivastava
Never settle for less than you deserve.
Never settle for less than you deserve.
पूर्वार्थ
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
हाई स्कूल की परीक्षा सम्मान सहित उत्तीर्ण
हाई स्कूल की परीक्षा सम्मान सहित उत्तीर्ण
Ravi Prakash
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
साकार आकार
साकार आकार
Dr. Rajeev Jain
अपनी जवानी को कामयाबी के तराजू पर मत तोलो,
अपनी जवानी को कामयाबी के तराजू पर मत तोलो,
पूर्वार्थ देव
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
चर्चाएं हैं तुम्हारे हुस्न के बाजार में,
चर्चाएं हैं तुम्हारे हुस्न के बाजार में,
Aditya Prakash
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
गर हो जाते कभी किसी घटना के शिकार,
गर हो जाते कभी किसी घटना के शिकार,
Ajit Kumar "Karn"
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज का मुसाफ़िर हूं कल न जाने कहा खोजावूगा , मिलना तो तुझे कभ
आज का मुसाफ़िर हूं कल न जाने कहा खोजावूगा , मिलना तो तुझे कभ
Iamalpu9492
दूर बहुत है अभी वो मंजिल।
दूर बहुत है अभी वो मंजिल।
Acharya Shilak Ram
उजला अन्धकार ...
उजला अन्धकार ...
sushil sarna
बेचारी माँ
बेचारी माँ
Shaily
"सत्य की परीक्षा"
Madhu Gupta "अपराजिता"
सबको प्रेषित शुभकामना
सबको प्रेषित शुभकामना
Dr. Sunita Singh
वेदना
वेदना
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
ओनिका सेतिया 'अनु '
शब्दों की रखवाली है
शब्दों की रखवाली है
Suryakant Dwivedi
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
शीर्षक -मन करता है मैं सब लिखूं।
शीर्षक -मन करता है मैं सब लिखूं।
shashisingh7232
इम्तिहान
इम्तिहान
Saraswati Bajpai
Loading...