पौत्र (36)
20 जनवरी शाम की बेला साल पच्चीस अनुरागी ।
सत्गुरू की बख्शीश पुत्र को पुत्र दिया बडभागी ll
अम्बेडकर की शान बने, बाबाजी की परछाई
रविदास सा भक्त बने, अरदास सत्गरू सांई ll
दुनिया का सरताज बने, यह मांग प्रभु से मांगी ll
सत्गुरू की बख्शीश पुत्र को पुत्र दिया बडभागी ll
सत्य समर्थक, झूठ विरोधी, कोई बाल करे ना बांका ।
ऐसा वीर महान बने वो, धीर ऊधम सिंह राका I
ऐ सन्तो अरदास करो तुम, मन से हो हितरागी ll
सत्गुरू की बख्शीश पुत्र को पुत्र दिया बडभागी I
वीर बलि विद्वान बने, वो सहस्त्रायु वाला ll
रोग सोग कोई निकट न आवे, सेहत से मतवाला |l
गौतम बुध सी शान निराली, ये मेरे मन लागी I
सत्गुरू की बख्शीश पुत्र को पुत्र दिया बड़भागी ll
‘अभिनव’ रख दिया नाम गुरू ने, मंगू के मन भाया।
सन्तो के आशीष वचन से घर मे भरा उम्हाया ll
चहूँ ओर है बल्ले बल्ले, मन बिच् जोत समागी ll
सत्गुरू की बख्शीश पुत्र को पुत्र दिया बडभागी।l