मेरे मन आँगन में

मेरे मन आँगन में
सुनहरे सपनों को
सजाती कौन हो तुम
मेरे दिल की धड़कन में
पल पल समा रही
कौन हो तुम
मेरे कानों में घोल रही
अमृत सा अपनी बातों से
कौन हो तुम..
एक खूबसूरत ख्वाब
मृगतृष्णा या हक़ीक़त
सच बोलो, कौन हो तुम
हिमांशु Kulshrestha