Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2025 · 1 min read

कभी और कभी

कभी लगे गंभीर बहुत हम,
और कभी लगे हम विनोद स्वभावी।
कभी लगे हम शांत सरोवर,
और कभी लगे हम उग्र स्वभावी।।

कभी सभी के दिलों मे बस्ते,
और कभी चुभे आँखों मे हम।
कभी हंसी का कारण बनते,
और कभी अश्रु की वजह भी हम।।

कभी ज्ञान के पुंज लगे हम,
और कभी लगे अज्ञानी हम ही।
कभी सहनशील बहुत लगे हम,
और कभी क्रोध के स्वामी हम ही।।

कभी आशा की किरण लगे हम,
और कभी निराशा संग खड़े हम।
कभी दर्द का कारण बनते,
और कभी दर्द का निदान करे हम।।

कभी राज को भरते अंदर,
और कभी हमराज सब अपने अंदर।
कभी राष्ट्र की भक्ति अंदर,
और कभी धर्म की शक्ति अंदर।।

कभी धरा पर सबसे अच्छे,
और कभी धरा पर बुरा ना हमसा।
कभी हृदय के बहुत बुरे हम,
और कभी बड़े हृदय सा कोई ना हमसा।।

कभी प्रेम के बने पुजारी,
और कभी प्रेम से नफरत भारी।
कभी ललित की लगती दुनिया,
और कभी ललितम् दुनिया सारी।।

कभी चुनौती बहुत हो भारी,
और कभी चुटकीयों मे हल हो सारी।
कभी लगे सब अपने दुश्मन,
और कभी दुश्मनों सग मारा मारी।।

Language: Hindi
32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ललकार भारद्वाज
View all

You may also like these posts

मां की आँखों में हीरे चमकते हैं,
मां की आँखों में हीरे चमकते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*इक क़ता*,,
*इक क़ता*,,
Neelofar Khan
4399.*पूर्णिका*
4399.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं आराधना तेरी
हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं आराधना तेरी
Buddha Prakash
बाखुदा ये जो अदाकारी है
बाखुदा ये जो अदाकारी है
Shweta Soni
कुल्हड़-जीवन की झलक।
कुल्हड़-जीवन की झलक।
Amber Srivastava
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
Lokesh Sharma
कोई और नहीं
कोई और नहीं
Anant Yadav
निज भाषा पर है नहीं, जिसे तनिक अभिमान।
निज भाषा पर है नहीं, जिसे तनिक अभिमान।
RAMESH SHARMA
औरतें ऐसी ही होती हैं
औरतें ऐसी ही होती हैं
Mamta Singh Devaa
शरीर को जिसने प्राण दिए बस उसी की जय कीजिए
शरीर को जिसने प्राण दिए बस उसी की जय कीजिए
Hafiz Shanuddin
"वह मृदुल स्वप्न"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Knowing others is intelligence; knowing yourself is true wis
Knowing others is intelligence; knowing yourself is true wis
पूर्वार्थ देव
स्वतंत्रता भगवती
स्वतंत्रता भगवती
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
#दुर्योग_या_संयोग?
#दुर्योग_या_संयोग?
*प्रणय प्रभात*
प्रश्न है अब भी खड़ा यह आदमी के सामने
प्रश्न है अब भी खड़ा यह आदमी के सामने
पूर्वार्थ
खोज सत्य की जारी है
खोज सत्य की जारी है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सच
सच
वीर कुमार जैन 'अकेला'
"" *अक्षय तृतीया* ""
सुनीलानंद महंत
यूँ दिल लगाने से पहले,तुम्हारे मंसूबे पता होते हमें
यूँ दिल लगाने से पहले,तुम्हारे मंसूबे पता होते हमें
ruchi sharma
जीवन की बगिया में
जीवन की बगिया में
Seema gupta,Alwar
मन में मदिरा पाप की,
मन में मदिरा पाप की,
sushil sarna
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
"फेसबुक मित्रों की बेरुखी"
DrLakshman Jha Parimal
दिल की हालत
दिल की हालत
करन ''केसरा''
तुलसी पूजन(देवउठनी एकादशी)
तुलसी पूजन(देवउठनी एकादशी)
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
कितना टूटा हूँ भीतर से तुमको क्या बतलाऊँ मैं,
कितना टूटा हूँ भीतर से तुमको क्या बतलाऊँ मैं,
अश्क़ बस्तरी
"जीत की कीमत"
Dr. Kishan tandon kranti
यह शहर पत्थर दिलों का
यह शहर पत्थर दिलों का
VINOD CHAUHAN
Loading...