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28 Jan 2025 · 1 min read

यही मानवता का सन्देश हो

यही मानवता का संदेश हो।
घर में धन-धान्य हो
शरीर पर परिधान हो
वातावरण हो भयमुक्त
मन-मस्तिष्क सुजान हो |
देशहित का काम हो
न कोई नाकाम हो
जिधर चल पड़े कारवां
उधर सुबह शाम हो |
अपनों का हाथ हो
शुभेक्षु का साथ हो
घर में हो अमन चैन
ज्यादा न बकवास हो।
सभी का सम्मान हो
किसी का न नुकसान हो
सभी चलें सभी बढ़ें
कहीं किसी का न अपमान हो |
विहग न निराश हो
गृह में लक्ष्मी का वास हो
उन्मुक्त हो धरा गगन
दिल में आत्मविश्वास हो।
हर कोई विशेष हो
न किसी से क्लेश हो
आपस में हो भाईचारा
यही मानवता का संदेश हो |

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