”कोई तो आएगा”
कोई तो आएगा…
जो मेरे पहनावे पर सवाल नहीं करेगा
मुझपे कभी शक नहीं करेगा।
कोई तो आएगा…
जो मेरे जिस्म को जबरदस्ती छूने की कोशिश नहीं करेगा
जो मेरे जज्बात से ज्यादा मेरे जिस्म की इज्जत करेगा।
कोई तो आएगा…
जो मेरे प्यार को , मेरी वफादारी को कभी साबित करने की कोशिश नहीं करेगा
जो मेरे रहन सहन पर कोई पाबंदी नहीं लगाऐगा।
कोई तो आएगा…
जो मेरी दिक्कतों में, गलतफहमियों में बीच रास्ते में छोड़कर नहीं जाएगा
जो मेरी खामोशी को समझे, जानबूझकर दिल नहीं दुखायेगा।
कोई तो आएगा…
जो मेरे गलत होने पर साथ बैठ कर पूरे हक से मुझे समझेगा
जो मुझे प्यार करना और सदा खुश रहना कोई कठिन कम नहीं महसूस कराऐगा।
शिव प्रताप लोधी