Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2025 · 1 min read

प्रिए है मधुशाला

(१)
मैं न सुनूंगा और किसी की
प्रिए नयन ही हैं प्याला।
प्रिय का ही सौन्दर्य हुआ है
मेरे सम्मुख मृदु हाला।
अपनी फ़िक्र करो तुम साथी
ढूंढ़ो मधुआलय अपना,
मेरे सम्मुख स्वयं उपस्थित
मेरी अपनी मधुशाला।।

47 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शान्ति स्वरूप अवस्थी
View all

You may also like these posts

4435.*पूर्णिका*
4435.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुखाएल नेनुआ
सुखाएल नेनुआ
मनोज कर्ण
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मगर हे दोस्त-----------------
मगर हे दोस्त-----------------
gurudeenverma198
मूर्ति
मूर्ति
Shashi Mahajan
*आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान (कुंडलिया)*
*आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गीतिका
गीतिका
Ashwani Kumar
"पसंद और प्रेम"
पूर्वार्थ देव
करवा चौथ
करवा चौथ
Neeraj Kumar Agarwal
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
चमकत चेहरा लजाई
चमकत चेहरा लजाई
राधेश्याम "रागी"
" पाठ "
Dr. Kishan tandon kranti
चंद्रयान-३
चंद्रयान-३
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मिलते हैं...
मिलते हैं...
ओंकार मिश्र
इंसानियत
इंसानियत
Sunil Maheshwari
माँ
माँ
Pushpa Tiwari
खतरनाक आदमी
खतरनाक आदमी
Dr MusafiR BaithA
इन्साफ की पुकार
इन्साफ की पुकार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
नेता
नेता
विशाल शुक्ल
भारत के बीर सपूत
भारत के बीर सपूत
Dinesh Kumar Gangwar
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
Manisha Manjari
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
Keshav kishor Kumar
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
Rj Anand Prajapati
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
Poonam Matia
मै कमजोर नहीं
मै कमजोर नहीं
Shutisha Rajput
घर की सब दीवार
घर की सब दीवार
RAMESH SHARMA
ओ रावण की बहना
ओ रावण की बहना
Baldev Chauhan
बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर
बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
Loading...