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28 Jan 2025 · 1 min read

इस भौतिक जगत में जितनी भी भोग विलासी वस्तुएं है केवल इस भौति

इस भौतिक जगत में जितनी भी भोग विलासी वस्तुएं है केवल इस भौतिक जगत में ही काम आ सकती है मात्र पुण्यों और सत्कर्मों को ही आपकी आत्मा ग्रहण करती है।
RJ Anand Prajapati

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