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27 Jan 2025 · 1 min read

काश राधा की तरह मेरी भी मुहब्बत होती

काश राधा की तरह मेरी भी मुहब्बत होती
मुस्कुराकर दिल लगाने हमारी आदत होती
यदि न होती मीरा कृष्ण की दिवानी
तो राधा की जगह में रुकमणी की इबादत होती
✍️कृष्णकांत गुर्जर

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