संगीत लिखूँ कैसे, सरगम नहीं बनती।
संगीत लिखूँ कैसे, सरगम नहीं बनती।
ओस की हर बूंद से, सबनम नहीं बनती।
गुमनाम हो जाते हैं, अफसाने बेखुदी में।
हर किसी की मोहब्बत, फसाने नहीं बनती।
श्याम सांवरा….
संगीत लिखूँ कैसे, सरगम नहीं बनती।
ओस की हर बूंद से, सबनम नहीं बनती।
गुमनाम हो जाते हैं, अफसाने बेखुदी में।
हर किसी की मोहब्बत, फसाने नहीं बनती।
श्याम सांवरा….