Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2025 · 1 min read

भारत की वेदना

एक कवि ने पूछा अपने भारत देश से
” मना रही है तेरी संतान तेरी आजादी के ७६ वर्ष ,
क्या तू बहुत खुश है ?”
भारत ने व्यंग्य से मुस्करा कर कहा ” खुश !! हुंह!
हूं भी और नहीं भी ।,”
कवि ने हैरानी से कहा ” अरे ! मगर क्यों ?”
भारत ने कहा “,मैं खुश तो हूँ मगर पूरी तरह से नहीं ,
मैं खुश हूं बेशक आजादी के बाद प्राप्त की गई उत्तम विकास यात्रा को देख कर ,मगर !
कवि ” मगर !! ”
भारत ” मैं दुखी हूं ,संतप्त भी हूं ,”
कवि ” क्यों ?”
भारत ने ठंडी आह लेकर जवाब दिया “मेरी संतानों में मेरी बेटियां ,बहनें ,माताएं और छोटी बच्चियां भी है ।दोस्त ,! जब तक वो दुखी है ,पीड़ित है आहत है ,मैं कैसे खुश हो सकता हूं ? बताओ ! मैं खुश हो सकता हूं ?
समझदार को इशारा ही काफी होता है ।
कवि ने दुख से सर झुका लिया ,और दोनों की पलकें
आसूंओं से भीग गई ।

1 Like · 107 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

मेरे राम
मेरे राम
Sudhir srivastava
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
3909.💐 *पूर्णिका* 💐
3909.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बेटी
बेटी
Jyoti Roshni
गुलों को प्यार के रंगों में ढाल भेजा है
गुलों को प्यार के रंगों में ढाल भेजा है
Neeraj Naveed
मुलाकात
मुलाकात
sheema anmol
दुआ
दुआ
Shutisha Rajput
उमंग
उमंग
Akash Yadav
"आया मित्र करौंदा.."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Stay true to yourself.
Stay true to yourself.
पूर्वार्थ
सूरज बहुत चढ़ आया हैं।
सूरज बहुत चढ़ आया हैं।
अश्विनी (विप्र)
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मीठी वाणी बोलिए, रखें शुद्ध व्यवहार .
मीठी वाणी बोलिए, रखें शुद्ध व्यवहार .
RAMESH SHARMA
प्रेम
प्रेम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
जिस देश में युवाओं के पास शिक्षा की महज एक औपचारिकता ही रह ज
जिस देश में युवाओं के पास शिक्षा की महज एक औपचारिकता ही रह ज
Rj Anand Prajapati
करगिल दिवस
करगिल दिवस
Neeraj Kumar Agarwal
रिश्तों में  बुझता नहीं,
रिश्तों में बुझता नहीं,
sushil sarna
#सुप्रभातम।
#सुप्रभातम।
*प्रणय प्रभात*
उस देश का रहने वाला हूं
उस देश का रहने वाला हूं
राकेश पाठक कठारा
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
" कराह "
Dr. Kishan tandon kranti
श्याम
श्याम
विशाल शुक्ल
भज गोबिन्दम् मूढ़-मते ! /
भज गोबिन्दम् मूढ़-मते ! /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
***दावाग्नि***
***दावाग्नि***
Kavita Chouhan
सिस्टमी चाल में चलना सीखो (एक व्यंग्य रचना))
सिस्टमी चाल में चलना सीखो (एक व्यंग्य रचना))
manorath maharaj
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
विचार
विचार
Godambari Negi
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
Saraswati Bajpai
Loading...