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25 Jan 2025 · 1 min read

गणतंत्र के साढ़े सात दशक

पहला दशक अभिमान का था
मां भारती के गौरव गान का था

दुसरा दशक आत्मसम्मान का था
भारत माता की स्वाभिमान का था

तिसरा दशक भारत के पहचान का था
और गणतंत्र पर संकट समाधान का था

चौथा दशक कई प्रावधान विधान का था
गणतंत्र जनित समस्या और निदान का था

पांचवां दशक नए बदलाव का था
विश्व से फिर नए लगाव का था

छठवां दशक धन के बहाव एवं ठहराव का था
भारत कि चेतना पर फिर लगे घाव का था

सातवां दशक जन जागृति एवं विश्वास का था
सामान्य मानव जीवन में आ रहे नए प्रकाश का था

वर्तमान में चल रहा दशक प्राचीन गौरव के भान का है
और भविष्य के स्वर्णिम भारत के आहवान का है

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