Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2025 · 1 min read

#मुक्तक-

#मुक्तक-
■ गणतंत्र की पूर्व संध्या।
[प्रणय प्रभात]
“मेरे प्यारे भारत देश,
तेरा ये सुंदर परिवेश।
पावन ध्वज है पावन ज्ञान,
सकल विश्व में जिसकी शान।।”
💝💝💝💝💝💝💝💝💝
-सम्पादक-
न्यूज़&व्यूज (मप्र)

1 Like · 50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जुआं में व्यक्ति कभी कभार जीत सकता है जबकि अपने बुद्धि और कौ
जुआं में व्यक्ति कभी कभार जीत सकता है जबकि अपने बुद्धि और कौ
Rj Anand Prajapati
चाँद
चाँद
Vandna Thakur
बिन बोले सब बयान हो जाता है
बिन बोले सब बयान हो जाता है
रुचि शर्मा
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
****वो जीवन मिले****
****वो जीवन मिले****
Kavita Chouhan
ऐ चाँद
ऐ चाँद
Saraswati Bajpai
दीप जगमगा रहे थे दिवाली के
दीप जगमगा रहे थे दिवाली के
VINOD CHAUHAN
#पितरों की आशीष
#पितरों की आशीष
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
प्रेरक विचार
प्रेरक विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हादसा
हादसा
Mukesh sharma
विश्व पर्यावरण दिवस 💐💐
विश्व पर्यावरण दिवस 💐💐
Nutan Das
उन्मुक्त बाजारवाद, उपयोगितावाद और पूंजीवाद के मध्य पिसता हुआ जनमानस
उन्मुक्त बाजारवाद, उपयोगितावाद और पूंजीवाद के मध्य पिसता हुआ जनमानस
Acharya Shilak Ram
वही व्यक्ति आपका मित्र है जो आपकी भावनाओं की कद्र करे और आपक
वही व्यक्ति आपका मित्र है जो आपकी भावनाओं की कद्र करे और आपक
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
पहले अपना कहते हो,
पहले अपना कहते हो,
Buddha Prakash
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
Rituraj shivem verma
कीलों की क्या औकात ?
कीलों की क्या औकात ?
Anand Sharma
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
आत्मकथ्य:
आत्मकथ्य:
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ज़ख्म आज भी
ज़ख्म आज भी
हिमांशु Kulshrestha
सवाल
सवाल
Ruchi Sharma
दिल की हालत
दिल की हालत
करन ''केसरा''
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
gurudeenverma198
आस्था का घर
आस्था का घर
Chitra Bisht
मिलोगे जब हमें प्रीतम मुलाकातें वही होगी ।
मिलोगे जब हमें प्रीतम मुलाकातें वही होगी ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
जब कोई शब् मेहरबाँ होती है ।
जब कोई शब् मेहरबाँ होती है ।
sushil sarna
कहीं कोई बात बिगड़ भी जाए,
कहीं कोई बात बिगड़ भी जाए,
Ajit Kumar "Karn"
বাংলা ভাষা
বাংলা ভাষা
Rahamat sk
अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे
अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे
Harinarayan Tanha
Loading...