Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
5 Jul 2016 · 1 min read

शेर :-- तड़फ़ मुहब्बत की जब ..........!!

तड़फ़ मुहब्बत की जब ,……[शेर]

तड़फ मुहब्बत् की जब ,दिल बेकरार करती हो !
चाहत लव्जों मे आने का इन्तजार करती हो !!

कदम अल्फाजों के गुमसुम से , उल्फत के सितारे हों !
दिल मे बेचैनी का आलम हो , सिले से लव तुम्हारे हो !!

सुलगती आग जब हर पल बदन को जलाती हो !
रोशनी चांद सी जब , तेरे दिल को लुभाती हो !!

उठे उलझन की होड , ख्यालों के सवालों मे !
बस एक चहरा नजर आये , अंधेरे मे उजालों मे !!

बबंडर इश्क का उठता , उसे एक आसरा चाहिये !
कैद कर ले कोई दिल मे , ऐसा कठघरा चाहिये !!

उठा तूफान इश्क का , डरना क्या जमाने से !
बेफिक्र हो इजहार कर , किसी ना किसी बहाने से !!

कर हौसला आफजाई , मुहब्बत हर वार नहीं होगी !
मेरा दावा है , सच्चे प्यार की कभी हार नहीं होगी !!

अनुज तिवारी “इन्दवार”

Loading...