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3 Feb 2025 · 1 min read

राम तत्व

///राम तत्व///

राम तत्व हैं राम द्रव्य हैं,
राम ही ऊर्जा धाम।
राम गगन हैं राम काल हैं,
राम ही सुख नाम।।
राम ही हैं परम चेतना,
राम ही जगत व्यवहार।
राम तत्व सर्वत्र व्याप्त है,
राम ही सृष्टि आयाम।।

राम चरण से प्रीत लगा लूं,
राम सकल करतार।
मेरे हृदय चरण बसे हैं,
मन में नित्य राम विचार।।
राम का ध्यान धरुं निरंतर,
राम ही जगत उद्धार।
राम हमारे अजस्र स्रोत हैं,
चिदानंद अपरंपार।।

श्री राम जय राम जय जय राम,
जय जानकी वल्लभ मेघा श्याम।
स्कंध धरे महा सायक चारु चाप,
तुम सकल सृष्टि जाता अभिराम।।

राम ही अमृत बिंदु सकल तत्व विचार।
समस्त लोकों के जड़ चेतन के आधार।।
तुम ही करुणाकर परम शरण प्रभु मेरे।
रजकण हूं चरणों का भव ताप भरा संसार।।

स्वरचित मौलिक रचना
प्रो. रवींद्र सोनवाने ‘रजकण’
बालाघाट (मध्य प्रदेश)

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