बेटी के जन्म लेने के बाद

बेटी के जन्म लेने के बाद
माँ की उमड़ती है आस…,
बोलती है-मेरी गुड़िया रानी
होकर तू सयानी;
दोगी सुख -दुःख में साथ,
ना माँ…. माँ ना…..
तेरी गुड़िया
सुरक्षित नहीं है इस मयावी दुनिया में;
जहाँ बगुले पानी के बुलबुले से रोहू
निकालता है और आदमी बगुले का
मांस…,
यहाँ सब अपने हैं
पर सभी ताक में हैं
लगाया जाये कब आखिरी घात..!!
~ स्वरा कुमारी आर्या✍