घर की मुर्गी बना दिया

हर ज़ोर ज़ुल्म करने वालों को,तुमने पाठ ये कैसा पढ़ा दिया।
जो अनुशासन का ए ना समझते,उन्हें अनुशासन ही सिखा दिया।।
जहाँ संवैधानिक पेपर को जनता के बीच में फाड़ा जाता था।
उन पेपर फाड़ने वालों के हाथ में आपने संविधान ही पकड़ा दिया।।
उत्तर प्रदेश का शासन भी आपने बाबा के हाथ में थमा दिया।
और राज किया कैसे जाता है यह राजनीतिज्ञों को बता दिया।।
क्या गलती है नौकरशाही की आपने उनको अंगूठा क्यों दिखा दिया।
टैक्स भी अग्रिम करते हैं जमा क्यों उनके हाथ में कटोरा थमा दिया।।
ये जो बीच में फंस गए हैं उनके क्या वोट की कीमत आधी है।
यदि नहीं तो उनके हितों की रक्षा का जिम्मा किसके हाथ में थमा दिया।।
बिजनौरी करे अनुरोध यही नौकरशाही का भी कुछ तो ध्यान करो।
जो अंधभक्त है बचपन से उन्हें क्यों घर की मुर्गी बना दिया।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।