संयुक्त परिवार – भाग 2
संयुक्त परिवार – भाग 2
22 जनवरी 2025
मैंने पिछली बार इस विषय पर 26 अक्टूबर 2024 को लिखा था। ये एक ऐसा विषय है जिस पर हमें बार बार बात करनी चाहिए जिससे हम परिवार को एक साथ रख सके और ख़ुशी से रह सके और जीवन में बड़े लक्ष्यों की तरफ तेजी से आगे बढे। जब पूरा परिवार एक साथ हसी मजाक और एक साथ एक दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम में होते है तो घर किसी मंदिर से कम नहीं होता है। संयुक्त परिवार में कई बार लोग रहते तो है लेकिन खुश नहीं रहते है एक दूसरे की बात को लेकर दिल को दुखी रखते है और दिल दुखाते भी है। मेरा मानना है परिवार के सभी सदस्यों को अपनी तरफ से हमेशा कोशिश करनी चाहिए की परिवार में ख़ुशी का माहौल बना रहे। मुझे काफी लोगो ने समझाया है की परिवार की ख़ुशी की चीजों को स्टेटस पर मत लगाया कर , सभी भाई एक साथ रहते हो खुश रहते हो , पूरे परिवार में एक दूसरे के प्रति सम्मान और प्यार है इसे मत लगाया करो स्टेटस पर कही नजर न लग जाए। लेकिन मै इसी उम्मीद से ये सब दुनिया को दिखाता हूँ की संयुक्त परिवार का लोग महत्व समझे और जाने की जो मजा जीवन में एक बड़े परिवार में रहने का है वो छोटे परिवार में नहीं। मै बचपन में माँ दादी और भाईओ से 10 साल के लिए अलग रहा तो मै समझ पाया की परिवार किसे कहते है।
इस परिवार को अच्छे से ख़ुशी से चलाने की जिम्मेदारी मेरी है मै मानता हूँ लेकिन मेरा मानना है की ये तभी संभव हो पायेगा जब हम चारो भाई छोटी छोटी बातों को छोड़कर अपने जीवन के लक्ष्य की तरफ आगे बढे वो भी तेजी से। परिवार में 2 रिश्ते है जिसमे हमेशा कोई न कोई कमी रहेगी ही एक है सास बहु का रिश्ता और दूसरा है देवर भाभी का रिश्ता। मै परिवार में देवर नहीं हूँ किसी का नहीं तो शायद मै इस रिश्ते को बहुत अच्छे से निभाता और एक उदाहरण प्रस्तुत करता परिवार के सामने। मै संयुक्त परिवार को चलाने की ज्यादा जिम्मेदारी परिवार के लड़को की समझता हूँ न की परिवार की महिलाओ की। महिलाओ की जिम्मेदारी परिवार को चलाने की नहीं परिवार को बढ़ाने की है बच्चो के भविष्य को बनाने की है वो जो काम करती है उसी से एक अच्छा भविष्य बन सकता है किसी भी परिवार की या फिर देश के भविष्य की निर्माता होती है महिलाये। माँ बेटे का रिश्ता कैसा होना चाहिए उसे मैंने माँ से सीखा और मेरे लिए पापा मम्मी में कोई अंतर नहीं है। बाप बेटे का रिश्ता कैसा होना चाहिए उसे पापा ने सिखाया और कोशिश करता हूँ एक अच्छा बेटा बनने का। दादी पोते का रिश्ता कैसा होना चाहिए उसे दादी ने सिखाया और अच्छा पोता बन के रहा। अब पति पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए उसे सीख रहा हूँ और बाप बेटी का रिश्ता कैसा होना चाहिए उसे सीख रहा हूँ। ऐसे ही जिंदगी सीखने का ही नाम है जब तक हम सीखने के लिए तैयार रहेंगे तब तक जीवन में हर चीज में आगे बढ़ेंगे।
हम सभी भाई 14 घंटे काम तभी कर पाएंगे जब परिवार में ख़ुशी का माहौल बना रहेगा। क्युकी बुखार लगने पर दवाई ली जा सकती है और उसे ठीक किया जा सकता है लेकिन दिमाग ख़राब होने पर दवाई लेना बहुत मुश्किल है की ये मैंने एक गोली खा ली है और दिमाग ठीक हो गया है। दिमाग को ठीक रखने का एक ही तरीका है की खुद पर सबसे ज्यादा काम करे। खुद से सबसे ज्यादा उम्मीद रखे। दुनिया में उन्होंने ही नाम किया है जिसने खुद को अच्छा बनाया है। हम सभी दूसरे को अच्छा बनाने में लगे रहते है , दूसरे से उम्मीद पाल लेते है लेकिन खुद को बेहतर बनाने में पीछे रह जाते है। जितना हो सके खुद पर काम करे। ना चाहते हुए भी जब भी मै परिवार में ऐसा कुछ होते हुए देखता हूँ तो मै यही सोचता हूँ की भविष्य में ये न हो उसके लिए क्या किया जाए।
अंत में मै यही कहना चाहता हूँ मुझे परिवार में ख़ुशी बना के रखना है और इसकी कोशिश हमें हम चारो भाईओ को मिलकर ही करनी होगी। हमारे पास पूरे दिन में बहुत कुछ होता है करने के लिए , बहुत लोग मिलते है हसी मजाक करने के लिए , बहुत दोस्त मिल जाते है साथ खाने के लिए लेकिन घर की महिलाओ के लिए बस हम लोग ही होते है ,वो हमसे ही साथ निभाने की उम्मीद करती है , हमसे ही लड़ना झगड़ना , हमसे ही नाराजगी और हमसे ही रूठना मनाना ये सब हमसे ही उम्मीद करती है और जिस परिवार में लोग अपनी बहन बेटी के दोस्त नहीं बन पाते उसी परिवार की बेटियां या बहने या बहू दोस्ती बाहर खोजती है और फिर क्या होता है वो हम सब जानते है।
जिन बातों से दिल दुखे उसे भूल जाये और जिन बातों से चेहरे पर हसी आये मुस्कान आये उसी बातो को दोहराये क्युकी जिंदगी इतनी छोटी है की घटिया नहीं होनी चाहिए।
धन्यवाद।
अमित कुमार