मैं जान लेता हूं खामोशी उसकी ।

मैं जान लेता हूं खामोशी उसकी ।
मैं दिल खोल कर रख दूं वह जान नहीं पाती।
मैं हर बार गवाही देता रहा अपनी
उसे मेरी आंखों की नमी कभी नजर नहीं आती।
मैं जान लेता हूं खामोशी उसकी ।
मैं दिल खोल कर रख दूं वह जान नहीं पाती।
मैं हर बार गवाही देता रहा अपनी
उसे मेरी आंखों की नमी कभी नजर नहीं आती।