कब करोगे जीवन का प्रारंभ???
साक्षात्कार- पीयूष गोयल लेखक
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
देख यहाँ अब त्रासदी, नैना बहते लोर |
जीवन की जटिलताओं को छोड़कर सरलता को अपनाना होगा।
- बहुत याद आता है उसका वो याराना -
जब किसी व्यक्ति का मन और रुचि किसी काम के प्रति एकाग्र नही ह
संघर्ष की राहों पर जो चलता है,
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
ये आशिकी मेरी कोरे रंग से ऐसी,
अकेले तय होंगी मंजिले, मुसीबत में सब साथ छोड़ जाते हैं।