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20 Jan 2025 · 1 min read

सफर

जिंदगी एक सफर हैं, जो हमें तय करना हैं,
इसें किस मोड पे ले जाना है, ये तो नसीब के हाथ में हैं|
सफर ये लंबा हैं, कुछ कड़वा कुछ मीठा हे,
अच्छी बुरी यादे हैं, और कुछ मौज-मस्ती हैं|
जिंदगी से तंग आ गये इसलिए सफर आधा छोडना नहीं…..
भगवान ने सबको रिटर्न तिकीट दिया हैं,
उससे पहले ही बिनातिकीट लौटना नहीं|
सफर मैं इस मोड़ आऐंगे हजार,
चलते चलते हो जाएँगे आप बेहाल,
रिश्ते -नातें सखे-संबंधी बहोत हैं सहचार,
खुशियाँ दो और खुशिंयाँ लो बस यही है,
सफर का सुविचार…….

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