Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2025 · 1 min read

अपनी डाली से मत बिछड़ना कभी

अपनी डाली से मत बिछड़ना कभी
बुजुर्गों की नेमत, न बिखरना कभी
पतझड़ के बिना, बसंत कुछ भी नहीं
बागवां के फूलों, न बिलखना कभी।।

सूर्यकांत

42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Suryakant Dwivedi
View all

You may also like these posts

✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
कुंडलियां
कुंडलियां
Rambali Mishra
एक बार जब कोई पूर्व पीढ़ी किसी देश की राजनीति,सिनेमा या किसी
एक बार जब कोई पूर्व पीढ़ी किसी देश की राजनीति,सिनेमा या किसी
Rj Anand Prajapati
मीठी वाणी बोलिए, रखें शुद्ध व्यवहार .
मीठी वाणी बोलिए, रखें शुद्ध व्यवहार .
RAMESH SHARMA
उसे छुप-छुप के देखा था
उसे छुप-छुप के देखा था
ललकार भारद्वाज
*दर्पण में छवि देखकर, राधा जी हैरान (कुंडलिया)*
*दर्पण में छवि देखकर, राधा जी हैरान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रेम जरूरत से है तो पीछे हट जाएँ
प्रेम जरूरत से है तो पीछे हट जाएँ
Dr. Sunita Singh
जब भी तुम्हारा ज़िक्र आया।
जब भी तुम्हारा ज़िक्र आया।
Taj Mohammad
#चिंतनीय
#चिंतनीय
*प्रणय प्रभात*
वो मुझसे आज भी नाराज है,
वो मुझसे आज भी नाराज है,
शेखर सिंह
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
Phool gufran
आज फ़िर कोई
आज फ़िर कोई
हिमांशु Kulshrestha
"तेरी नजरें"
Dr. Kishan tandon kranti
मै ना सुनूंगी
मै ना सुनूंगी
भरत कुमार सोलंकी
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
मैं ही तो हूँ
मैं ही तो हूँ
बाल कवित्री 'आँचल सेठी'
लूटने न देना लाज देश की
लूटने न देना लाज देश की
TAMANNA BILASPURI
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
Shweta Soni
Love's Burden
Love's Burden
Vedha Singh
* यह टूटती शाखाऐं है *
* यह टूटती शाखाऐं है *
भूरचन्द जयपाल
वामा हूं
वामा हूं
indu parashar
*खिली एक नन्हीं कली*
*खिली एक नन्हीं कली*
ABHA PANDEY
गुजर गया कोई
गुजर गया कोई
Surinder blackpen
नकली फूलों का नहीं,
नकली फूलों का नहीं,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेवफाई
बेवफाई
एकांत
*चक्रव्यूह*
*चक्रव्यूह*
Pallavi Mishra
समय का खेल
समय का खेल
Adha Deshwal
Loading...