*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
🙏प्रथम पूज्य विघ्न हर्ता 🙏
मुहब्बत की पहली, ही सीढ़ी इनायत
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
अतीत कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ये ज़िंदगी भी अजीब है यारों!
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
Even the most lovable, emotional person gets exhausted if it
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।