Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2025 · 1 min read

मगर सच यही है

चाहे तुम सच मत मानो, सच मगर यही है।
तेरे सिवा मेरी खुशी, यहाँ कोई और नहीं है।।
चाहे तुम सच मत मानो———————।।

देखता हूँ जिसका ख्वाब मैं, हसीं जिंदगी के लिए।
और जलाता हूँ मैं दीपक, यह जो बंदगी के लिए।।
तेरे सिवा मेरा ख्वाब, यहाँ कोई और नहीं है।
चाहे तुम सच मत मानो——————-।।

मेरे लिए तुम ही बहार हो, तुम ही चांदनी हो मेरी।
तुम ही शमा हो मेरे सफर की, तुम ही रोशनी हो मेरी।।
तेरे सिवा मेरा हमसफर, यहाँ कोई और नहीं है।
चाहे तुम सच मत मानो——————-।।

तेरे सिवा मैं कभी यार, खुश रह नहीं सकता।
मैं भूल सकता हूँ सभी को, तुमको भूल नहीं सकता।।
तेरे सिवा मेरी चाहत, मेरी जिंदगी में कोई और नहीं है।
चाहे तुम सच मत मानो————-;———-।।

तेरे नाम लिख दी है मैंने, अपनी सारी यह वसीयत।
क्योंकि तुमसे ही है मुझको, यहाँ सच्ची मोहब्बत।।
तेरे सिवा मेरा हमनसीब, यहाँ कोई और नहीं है।
चाहे तुम सच मत मानो———————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मुश्किल है जीना
मुश्किल है जीना
Chitra Bisht
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
अश्विनी (विप्र)
मा शारदा
मा शारदा
भरत कुमार सोलंकी
कठिन परिश्रम कर फल के इंतजार में बैठ
कठिन परिश्रम कर फल के इंतजार में बैठ
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
मुकद्दर से बना करते हैं रिश्ते इस ज़माने में,
Phool gufran
*विरोधाभास*
*विरोधाभास*
Pallavi Mishra
कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
Acharya Shilak Ram
यादों के अभिलेख हैं , आँखों  के  दीवान ।
यादों के अभिलेख हैं , आँखों के दीवान ।
sushil sarna
Love says.
Love says.
Priya princess panwar
ग़ज़ल _ आराधना करूं मैं या मैं करूं इबादत।
ग़ज़ल _ आराधना करूं मैं या मैं करूं इबादत।
Neelofar Khan
सोच और हम
सोच और हम
Neeraj Kumar Agarwal
आज़ादी का जश्न
आज़ादी का जश्न
अरशद रसूल बदायूंनी
कभी अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर ,
कभी अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हश्र का वह मंज़र
हश्र का वह मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी के तराने
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Alpana Suhasini
काहे की विजयदशमी
काहे की विजयदशमी
Satish Srijan
पाँच मिनट - कहानी
पाँच मिनट - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक खबर है गुमशुदा होने की,
एक खबर है गुमशुदा होने की,
Kanchan Alok Malu
जो अंदर से घबराएं हुए हो वो बाहर से शारीरिक रूप से संकेत दे
जो अंदर से घबराएं हुए हो वो बाहर से शारीरिक रूप से संकेत दे
Rj Anand Prajapati
तुम अपनी शादी में बुलाना  मै  आऊंगा जरूर....
तुम अपनी शादी में बुलाना मै आऊंगा जरूर....
Vishal Prajapati
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
"विडम्बना"
Dr. Kishan tandon kranti
देर तो हो गई है
देर तो हो गई है
Ansh
पतझड़ मे एक दर्द की
पतझड़ मे एक दर्द की
अमित कुमार
डूबते जहाज में था तो
डूबते जहाज में था तो
VINOD CHAUHAN
नया वर्ष पुराना वर्ष-नववर्ष‌‌‌
नया वर्ष पुराना वर्ष-नववर्ष‌‌‌
Sudhir srivastava
Loading...