Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2025 · 1 min read

We are all toxic to someone because we forced love when tge

We are all toxic to someone because we forced love when tge chapter was written, when the book was already closed. Our intentions are pure, but the person and the situation weren’t right. We become toxic by chasing everything we wished to feel.

79 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मिट्टी के दिए जलाएं
मिट्टी के दिए जलाएं
अनिल कुमार निश्छल
जब -जब धड़कन को मिली,
जब -जब धड़कन को मिली,
sushil sarna
"सफलता के रास्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
वो अब नहीं आयेगा...
वो अब नहीं आयेगा...
मनोज कर्ण
3018.*पूर्णिका*
3018.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
★हसीन किरदार★
★हसीन किरदार★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
सागर मचले पूर्णिमा , चाँद निहार चकोर ।
सागर मचले पूर्णिमा , चाँद निहार चकोर ।
Neelofar Khan
गा ले पावन नाम
गा ले पावन नाम
Dr.sima
हमें अपनी सुनने की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। ह
हमें अपनी सुनने की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। ह
Ravikesh Jha
कभी जो बेहद करीब था
कभी जो बेहद करीब था
हिमांशु Kulshrestha
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
Rj Anand Prajapati
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
कवि रमेशराज
*आंखों से जाम मुहब्बत का*
*आंखों से जाम मुहब्बत का*
Dushyant Kumar Patel
बात इस दिल की
बात इस दिल की
Dr fauzia Naseem shad
अनेक रंग जिंदगी के
अनेक रंग जिंदगी के
Surinder blackpen
पिता सा पालक
पिता सा पालक
Vivek Pandey
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
Kanchan Alok Malu
"प्रकृति गीत"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कुछ रिश्ते
कुछ रिश्ते
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
अगर कोई आपको प्राथमिकता देता है तो उसे सस्ता मत समझ लेना, बल
अगर कोई आपको प्राथमिकता देता है तो उसे सस्ता मत समझ लेना, बल
पूर्वार्थ देव
जमीं कम है कि इक चांद पे महल बना लूं
जमीं कम है कि इक चांद पे महल बना लूं
Jitendra kumar
कोई भी जानवर पालने की पहली शर्त-
कोई भी जानवर पालने की पहली शर्त- "अपने में छिपे जानवर पर निय
*प्रणय प्रभात*
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
Shreedhar
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
Dawn of Renewed Horizons
Dawn of Renewed Horizons
Mahesh Ojha
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू...!!
ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू...!!
पूर्वार्थ
स्त्री
स्त्री
sheema anmol
सोच और हम
सोच और हम
Neeraj Kumar Agarwal
विकास
विकास
Shailendra Aseem
Loading...