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19 Jan 2025 · 1 min read

ग़ज़ल

122 122 122 12

लो एक बार फिर से हराया गया ,
समझदार है तू बताया गया ।

तू औरत है अपनी जुबान बंद रख,
मिरे हौसलों को दबाया गया।

यूं हक की भला बात क्या कह दिया,
पढ़ाई के ताने सुनाया गया।

बहु है गुलामी तुझे करनी है ,
यज़ीदी हुकूमत चलाया गया ।

बड़े ही अजूबा हैं “नूरी” वो सब ,
यूं बेशर्मी से जीत पाया गया।

नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर

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