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19 Jan 2025 · 1 min read

जब अन्तर्वासना का ज्वर प्राणी के ऊपर चढ़ता है उसी समय उसके म

जब अन्तर्वासना का ज्वर प्राणी के ऊपर चढ़ता है उसी समय उसके मन के नियंत्रण और वैराग्य की परीक्षा होती है विरले ही होते है जो सारी इंद्रियों की गतिविधियों और स्थितियों को अपने काबू में रख पाते है।
RJ Anand prajapati

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