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18 Jan 2025 · 1 min read

जिंदगी धूप छांव सी है

ये कागज़ की नाव सी है
जिंदगी धूप छांव सी है।

चिड़ियो की चहक
फूल कलियों की महक
पत्तों पे ओस की बूंद
घंटों, अज़ान की गूंज

हरियाली गांव सी है ,
जिंदगी धूप छांव सी है।

धीरे धीरे सब बीत रहा
कोई हारा कोई जीत रहा
कोई चांद तारों पे गया
कोई रंगीन बहारों पे गया

सब नदी की बहाव सी है,
जिंदगी धूप छांव सी है ।

नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला -कुशीनगर

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