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18 Jan 2025 · 1 min read

प्रतीक्षा की फुनगी पकड़े

प्रतीक्षा की फुनगी पकड़े
अनुभूतियों के दुशाले में छिपी
तुम्हारी स्मृति!

नवजात शिशु की सरल किलकारी की तरह
उमंगित कर जाती है
सम्पूर्ण दिवस को!
मैं चकित हूॅं
तुम्हारे प्रेम के प्रवाह में खोकर।

रश्मि ‘लहर’

1 Like · 96 Views
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