अपवाद हमें हरेक युग में देखने को मिलता है ! एकलव्य एक भील बं
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
राना लिधौरी'के हाइकु - कुंभ विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कुदरत और भाग्य......एक सच
अब उड़ ही जाइयो आज इस दिल के पिंजरे से,
हमारे रिश्ते को बेनाम रहने दो,
जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस
कभी बाप मां के, थी कदमों में जन्नत,