तेरी याद दिल से जाती नहीं

कैसे भुलाऊँ मैं तुमको, तेरी याद दिल से जाती नहीं।
तेरे सिवा किसी और की, याद मुझे यारा आती नहीं।।
कैसे भुलाऊँ मैं तुमको——————————-।।
जाता हूँ गर मैं कभी, यहाँ किसी महफ़िल में।
होती है तेरी तस्वीर ही, वहाँ भी मेरे दिल में।।
तेरे सिवा किसी और की बात, मेरी जुबां पे आती नहीं।
कैसे भुलाऊँ मैं तुमको—————————–।।
देखता हूँ चमन में जब, फूलों को हंसते हुए।
अपने हमसफ़र के सँग, यारों को इठलाते हुए।।
तेरे सिवा किसी और की, तारीफ मुझसे होती नहीं।
कैसे भुलाऊँ मैं तुमको————————-।।
ख्वाब तेरे सिवा किसी और का, आता नहीं मुझको।
इस जुदाई में तेरे बिना चैन, मिलता नहीं है मुझको।।
तेरे सिवा किसी और की सूरत, मुझको भाती नहीं।
कैसे भुलाऊँ मैं तुमको————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)