किस्सा / मुसाफ़िर बैठा
बुद्धिजीवी सवर्णों के पास
किस्से बहुत होते हैं
जबकि
इस वर्णवादी समाज में
बहुजनों का जीवन ही
एक कठिन किस्सा होता है।
बुद्धिजीवी सवर्णों के पास
किस्से बहुत होते हैं
जबकि
इस वर्णवादी समाज में
बहुजनों का जीवन ही
एक कठिन किस्सा होता है।