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28 Jan 2025 · 1 min read

जल–जल के बुझ जाओगी

चाहे जितने दीप जला लो
रोशन न हो पाओगी
चुना है तुमने अंगारों को
जल–जल के बुझ जाओगी

–कुँवर सर्वेंद्र विक्रम सिंह✍🏻
★स्वरचित रचना
★©️®️सर्वाधिकार सुरक्षित

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