कहूँ अजूबा मैं उन्हे,….. या बोलूँ नायाब
कहूँ अजूबा मैं उन्हे,….. या बोलूँ नायाब ।
सूरत मे जिनकी मुझे, दिखता हो महताब ।।
रमेश शर्मा.
महताब-चाँद
कहूँ अजूबा मैं उन्हे,….. या बोलूँ नायाब ।
सूरत मे जिनकी मुझे, दिखता हो महताब ।।
रमेश शर्मा.
महताब-चाँद