Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2025 · 1 min read

त्रिविध ताप

त्रिविध ताप देखि,मनु मगु हारे
मिलत मधुबन नहिं,मन कारे कारे..
माया मोहित मन,संतप्त क्यों,
उबरे हैं जब सबहिं राम से,
आजा तू भी राम दुआरे…

त्रयताप कृत, तप्तजीवन मन हारे
दैहिक दैविक ताप हैं ,शूल तिहारे..
मन करम बचन, भज ले रघुवर को
स्वारथ हित भौतिक,तन ताप हमारे..

दैहिक ताप,ईर्ष्या-द्वेष घृणा से निकसे
धर्म लोप हो तो,दैविक ताप अति बरसे..
भौतिक ताप,लोभ सुख इच्छा का फल है
आत्मतत्त्व अतिरेक,परमानंद घट मनसे..

मौलिक और स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – १७/०१/२०२५
माघ ,कृष्ण पक्ष,चतुर्थी, शुक्रवार
विक्रम संवत २०८१
मोबाइल न. – 8757227201
ईमेल पता :- mk65ktr@gmail.com

4 Likes · 177 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all

You may also like these posts

भारत रत्न , सामाजिक शिल्पकार,महान शिक्षाविद् ,बाबा साहब भीम
भारत रत्न , सामाजिक शिल्पकार,महान शिक्षाविद् ,बाबा साहब भीम
amankumar.it2006
🙅महा-ज्ञान🙅
🙅महा-ज्ञान🙅
*प्रणय प्रभात*
3752.💐 *पूर्णिका* 💐
3752.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
एक बूँद पानी💧
एक बूँद पानी💧
Madhuri mahakash
चलो चलें हम कुंभ नहाएँ
चलो चलें हम कुंभ नहाएँ
S K Singh Singh
पास फिर भी
पास फिर भी
Dr fauzia Naseem shad
जीवन में चलते तो सभी हैं, मगर कोई मंजिल तक तो कोई शिखर तक ।।
जीवन में चलते तो सभी हैं, मगर कोई मंजिल तक तो कोई शिखर तक ।।
Lokesh Sharma
कृषक
कृषक
Shaily
बेहद खुशनुमा और हसीन से हो गए हैं ये दिन।
बेहद खुशनुमा और हसीन से हो गए हैं ये दिन।
RJ Anand Prajapatit
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
Rekha Drolia
यादें
यादें
SATPAL CHAUHAN
"आदत"
Dr. Kishan tandon kranti
बुंदेली हास्य मुकरियां
बुंदेली हास्य मुकरियां
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
GOVIND UIKEY
समसामयिक दोहन
समसामयिक दोहन
Mahender Singh
उम्मीद
उम्मीद
NAVNEET SINGH
आईना
आईना
Arvina
युवा है हम
युवा है हम
Pratibha Pandey
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
आज
आज
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दिल के मकान का
दिल के मकान का
Minal Aggarwal
सपने
सपने
surenderpal vaidya
कविता
कविता
Nmita Sharma
कभी  विवादों में यूँ रहकर देखा।
कभी विवादों में यूँ रहकर देखा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अवधपुरी है कंचन काया
अवधपुरी है कंचन काया
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जीवन
जीवन
पंकज परिंदा
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो
Meenakshi Bhatnagar
दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
sushil sarna
प्यासी कली
प्यासी कली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ਘਰ ਉਧੜ ਗਏ
ਘਰ ਉਧੜ ਗਏ
Surinder blackpen
Loading...