माँ

जिसने मुझे सुलाया अपनी नींद छोड़कर,
मै आराम से सो जाती थी उसकी चादर ओढ़कर,
स्कूल, कॉलेज, हर चीज़ सीखती थी में सब भूलकर,
माँ बस तुझसे सिखा, सब करना है पर हिम्मत रखकर..
मेरी ज़िद्द के आगे लड़ जाती थी तू सबसे,
पर मुझे कभी कमी न होने दी कही से..
जब भी तूने हाथ जोड़े, हम बच्चों के लिए दुआ की रबसे,
माँ तेरे जैसा न कोई था न कोई है,आज कहना है मुझे सबसे…
बड़ी होते ही तूने बना लिया दोस्ती का रिश्ता मुझसे..
हर बार मेरी मुस्कुराहट की वजह थी माँ तुझसे..
मैने तो बहुत बार गिले शिकवे करे होंगे सबसे..
पर तू बाहों में लेती तो कभी फिकर न थी कही से।
तिनका तिनका जमाया तूने,
ना झुकने दिया सर हमारा कही…
किसी के सहारे बिना ही माँ,
तूने हम बच्चों को सिखाया सब गलत सही।
हर पल तू जीती थी,ग़म को मन में रखकर..
पर तेरी छाया ने हमे दिखा दिया स्वर्ग को धरती पर लाकर,
आज भी पीछे देखती हु मै झांककर,
तेरी एक मुस्कुराहट ही मै याद रखती हु मेरे सब दर्द भुलाकर।