थाम कर हाथ मेरा

थाम के हाथ मेरा , ले चलना दूर कहीं
देखना तुम खुशियां न हो काफूर कहीं ।
मुश्किल बहुत है ,दूर तक साथ चलना
निभाना पड़ेगा,भूल जाना न दस्तूर कहीं।
हमसफ़र बने हो तो हमख़्याल भी बनना
बदगुमानी में मत रहना तुम हुजूर कहीं।
दरमियां हमारे, कभी न आए ये फासले
देखना जिंदगी मेरी हो न जाए बेनूर कहीं।
नशा चाहत का हमारे सिर चढ़ के बोले
रखना शुऊर ,तोड़ न देना सुरूर कहीं
सुरिंदर कौर