Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Jan 2025 · 1 min read

महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ

अर्ध नही ये कुंभ नही हैं,
ये महाकुंभ हैं सुन प्यारे ।
सृष्टि की अद्भूत घटना हैं,
ये महाकुंभ हैं सुन प्यारे ।।

महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ हैं,
प्रयागराज मे, ये महाकुंभ हैं…

छ: नही ये बारह नही हैं,
ये 144 वर्ष मे सुन प्यारे ।
तू लगा आस्था की डुबकी,
ये महाकुंभ हैं सुन प्यारे ।।

महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ हैं,
प्रयागराज मे, ये महाकुंभ हैं…

गंगा यमुना सरस्वती की,
ये अविरल धारा हैं प्यारे ।
अमृत बहता धरती पर ही,
ये महाकुंभ हैं सुन प्यारे ।।

महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ हैं,
प्रयागराज मे, ये महाकुंभ हैं…

हर हर गंगे हर जन बोले,
प्रयागराज मे सब जग डोले ।
पग पग डोले नभ भी बोले,
ये महाकुंभ हैं सुन प्यारे ।।

महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ हैं,
प्रयागराज मे, ये महाकुंभ हैं…

शिव के गण हैं आते इसमे,
आये कृष्ण के ग्वाले भी ।
राम भजन हैं गाते हनुमंत,
आये फौज भी नागो की ।।

महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ हैं,
प्रयागराज मे, ये महाकुंभ हैं…

देव नहाए और गिरधर भी,
पशु पक्षी और जलचर भी ।
संपूर्ण देश और दुनियाभर,
भूत पिशाच और किन्नर भी ।।

महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ हैं,
प्रयागराज मे, ये महाकुंभ हैं…

महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ…
महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ…
महाकुंभ हैं, ये महाकुंभ…

Loading...