Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
15 Jan 2025 · 1 min read

हर बशर मुस्कुरा दे , ज़िंदगी कुछ करो तुम ,

हर बशर मुस्कुरा दे , ज़िंदगी कुछ करो तुम ,
चहचहा कर खिले गुलशन , बहारें भरो तुम ।
✍️नील रूहानी ….

Loading...