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15 Jan 2025 · 1 min read

व्यवस्था

व्यवस्था
सब बना लेते हैं
दूर जाने वाले भी
छूटकर रह जाने वाले भी..
बात बस प्रभाव की होती है!
कहीं किसी ऑंख में
एक ऑंसू
कंकड़ सा बनकर गड़ने लगता है
तो किसी की ऑंखें
निर्विकार भाव से
प्रतीक्षारत मिलती हैं!

रश्मि ‘लहर’

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