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14 Jan 2025 · 1 min read

हर एक सांस की क़ीमत चुकाई है हमने

हर एक सांस की क़ीमत चुकाई है हमने
ज़िन्दगी हमने कहां तेरा उधार रक्खा है
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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