Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2025 · 1 min read

एहसास का मुझे तेरे

एहसास का मुझे तेरे
बस आसरा रहा
लफ्जों में ढूंढते रहे
दिल के सुकून को
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
नई ज़िंदगी
नई ज़िंदगी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़्वाबों में तुम भले डूब जाओ...
ख़्वाबों में तुम भले डूब जाओ...
Ajit Kumar "Karn"
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट  * [ हास्य कुंडलिया 】
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट * [ हास्य कुंडलिया 】
Ravi Prakash
: मुट्ठी में रेत थी, सोचा क़ैद हमारी है,
: मुट्ठी में रेत थी, सोचा क़ैद हमारी है,
पूर्वार्थ देव
घुटन का गीत
घुटन का गीत
पूर्वार्थ
चन्द पैसे के पीछे भागा नहीं कर
चन्द पैसे के पीछे भागा नहीं कर
नूरफातिमा खातून नूरी
गुरु
गुरु
Roopali Sharma
Loneliness is a blessing
Loneliness is a blessing
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*दिल में थोडा प्यार जरुरी हैं*
*दिल में थोडा प्यार जरुरी हैं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ओस
ओस
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
डीएनए की गवाही
डीएनए की गवाही
अभिनव मिश्र अदम्य
*क्या बात है आपकी मेरे दोस्तों*
*क्या बात है आपकी मेरे दोस्तों*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यमराज
यमराज
विशाल शुक्ल
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
प्रदीप छंद
प्रदीप छंद
Seema Garg
👌आभास👌
👌आभास👌
*प्रणय प्रभात*
नारी शक्ति
नारी शक्ति
Rajesh Kumar Kaurav
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
Neelofar Khan
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
Trishika Dhara
पुरुष चाहे जितनी बेहतरीन पोस्ट कर दे
पुरुष चाहे जितनी बेहतरीन पोस्ट कर दे
शेखर सिंह
चाहकर भी जता नहीं सकता,
चाहकर भी जता नहीं सकता,
डी. के. निवातिया
यादें
यादें
Dinesh Kumar Gangwar
दो जीवन
दो जीवन
Rituraj shivem verma
चाहत थी कभी आसमान छूने की
चाहत थी कभी आसमान छूने की
Chitra Bisht
" दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
अधूरा घर
अधूरा घर
Kanchan Khanna
स्वार्थी मनुष्य (लंबी कविता)
स्वार्थी मनुष्य (लंबी कविता)
SURYA PRAKASH SHARMA
वो कविताचोर है
वो कविताचोर है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Loading...