Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2025 · 1 min read

“पतंग उड़ाओ पर पक्षी बचाओ”

“पतंग उड़ाओ पर पक्षी बचाओ”

आसमान में पतंग उड़ाओ,
लेकिन पक्षियों को बचाओ।
उनकी जान कीमती है,
उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।

पतंग की डोरी से बचाएं,
पक्षियों को अपनी जान से बचाएं।
उनके पंखों को नुकसान न पहुंचाएं,
उनकी आजादी को बनाए रखें।

आसमान में पतंग उड़ाओ,
लेकिन पक्षियों को बचाओ।
उनकी जान कीमती है,
उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।

पतंग उड़ाने का शौक अच्छा है,
लेकिन पक्षियों की सुरक्षा पहले है।
उनकी जान बचाने का संकल्प लें,
और पतंग उड़ाने का आनंद लें। अनोप भाम्बु जोधपुर

108 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मैं एक महल हूं।
मैं एक महल हूं।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मेरे जीवन का सार हो तुम।
मेरे जीवन का सार हो तुम।
अश्विनी (विप्र)
परिवार
परिवार
डॉ० रोहित कौशिक
4615.*पूर्णिका*
4615.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महसूस  हमने  किया  है  गुज़र  के
महसूस हमने किया है गुज़र के
Dr fauzia Naseem shad
भरोसा
भरोसा
Uttirna Dhar
तुम्हें पास अपने बुलाने का मन है
तुम्हें पास अपने बुलाने का मन है
अरशद रसूल बदायूंनी
बसंत का मौसम
बसंत का मौसम
Pushpa Tiwari
*स्वदेशी या विदेशी*
*स्वदेशी या विदेशी*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
प्रेरणा और पराक्रम
प्रेरणा और पराक्रम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
संवेदनाएँ
संवेदनाएँ
Meera Thakur
नींद
नींद
goutam shaw
हे गर्भवती !
हे गर्भवती !
Akash Yadav
नारी की आवाज हूँ।
नारी की आवाज हूँ।
manorath maharaj
दोहा पंचक. . . . ज्ञान
दोहा पंचक. . . . ज्ञान
sushil sarna
याद का गहरा अँधेरा, वो समां भी ले गया ,
याद का गहरा अँधेरा, वो समां भी ले गया ,
Neelofar Khan
मैं और सूरज.
मैं और सूरज.
Heera S
"घूंघट नारी की आजादी पर वह पहरा है जिसमे पुरुष खुद को सहज मह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
निर्भय; अखंड;अपराजित है भारत !
निर्भय; अखंड;अपराजित है भारत !
©️ दामिनी नारायण सिंह
असफलता का जश्न
असफलता का जश्न
Dr. Kishan tandon kranti
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गांवों की सिमटती हरियाली
गांवों की सिमटती हरियाली
Sudhir srivastava
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इस खुदगर्ज दुनिया में किसी गैर को,
इस खुदगर्ज दुनिया में किसी गैर को,
श्याम सांवरा
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कविता
कविता
उमा झा
बीमारी
बीमारी
विशाल शुक्ल
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
बहुत कुछ पाना, बहुत कुछ खोना।
बहुत कुछ पाना, बहुत कुछ खोना।
भगवती पारीक 'मनु'
जो ये जिंदगी के कुछ सवाल है ।
जो ये जिंदगी के कुछ सवाल है ।
विवेक दुबे "निश्चल"
Loading...