Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2025 · 1 min read

किसी चित्र में रंग भरने पर जिस भांति चमक आ जाती है वैसे ही स

किसी चित्र में रंग भरने पर जिस भांति चमक आ जाती है वैसे ही संगीत किसी गीत में आकर्षण और दमक पैदा कर देती है।
Rj Anand Prajapati

43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

..........
..........
शेखर सिंह
किसी को हमारे और हमे,
किसी को हमारे और हमे,
Basant kachhi
मेरी ज़िन्दगी
मेरी ज़िन्दगी
Shailendra Aseem
“बनावटी बातें”
“बनावटी बातें”
ओसमणी साहू 'ओश'
.
.
NiYa
पौधे मांगे थे गुलों के
पौधे मांगे थे गुलों के
Umender kumar
एक बात यही है कहना !!
एक बात यही है कहना !!
Seema gupta,Alwar
प्रेम संदेश
प्रेम संदेश
Laxmi Narayan Gupta
Pollution & Mental Health
Pollution & Mental Health
Tushar Jagawat
*आत्ममंथन*
*आत्ममंथन*
Pallavi Mishra
युद्ध और शांति
युद्ध और शांति
Suryakant Dwivedi
जब गुज़रता है थोड़ा मुश्किल में
जब गुज़रता है थोड़ा मुश्किल में
Dr fauzia Naseem shad
वही पुरानी बोतलें, .. वही पुराना जाम.
वही पुरानी बोतलें, .. वही पुराना जाम.
RAMESH SHARMA
पेड़ लगाओ
पेड़ लगाओ
विजय कुमार नामदेव
आखिरी मोहब्बत
आखिरी मोहब्बत
Shivkumar barman
4536.*पूर्णिका*
4536.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिन्दगी ....
जिन्दगी ....
sushil sarna
बच्चे ही अच्छे हैं
बच्चे ही अच्छे हैं
Diwakar Mahto
ख़ुश रहना है
ख़ुश रहना है
Monika Arora
यह मेरी जन्मभूमि है(ठूँसरा)
यह मेरी जन्मभूमि है(ठूँसरा)
gurudeenverma198
हर किसी से प्यार नहीं होता
हर किसी से प्यार नहीं होता
Jyoti Roshni
मेरी नींद
मेरी नींद
g goo
दोहा - कहें सुधीर कविराय
दोहा - कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
जनता मारेगी कोड़ा
जनता मारेगी कोड़ा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
नौकरी
नौकरी
Rajendra Kushwaha
हिन्दू पंचांग के अनुसार शबरी जयंती प्रति वर्ष फाल्गुन माह के
हिन्दू पंचांग के अनुसार शबरी जयंती प्रति वर्ष फाल्गुन माह के
Shashi kala vyas
फिर भी गुनगुनाता हूं
फिर भी गुनगुनाता हूं
Kaviraag
प्रदर्शनकारी पराए हों तो लाठियों की। सर्दी में गर्मी का अहसा
प्रदर्शनकारी पराए हों तो लाठियों की। सर्दी में गर्मी का अहसा
*प्रणय प्रभात*
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
ओ त्याग मुर्ति माँ होती है
ओ त्याग मुर्ति माँ होती है
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
Loading...