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9 Jan 2025 · 1 min read

दीपक एक जलाना है

मुक्तक
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तमस स्वयं ही मिट जाएगा, दीपक एक जलाना है।
मंजिल कदमों में आएगी, आगे कदम बढ़ाना है।
हिम्मत से बस चलते जाना, हमको कहीं नहीं रुकना।
जो भी अपने साथ चलेंगे, सबको गले लगाना है।
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अंधकार की बात न करना, इसको दूर हटाना है।
तिमिर भरी इस स्याह निशा में, आशा दीप जगाना है।
स्थान निराशा को मत देना, अपने जीवन के पथ पर।
लक्ष्य हमारा कदमों में है, जग को यह दिखलाना है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य

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